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रानाथारु भाषाको पहिलो वेवासईत
२०८२ मंसिर १२ गते

कविता

कविता-प्रित लगन

२०८० माघ ७, आईतवार २०:४५

कविता-प्रित लगन

प्रेम पुजारिन बनिगओ मिलो आज उपहारप्रेम पामरी पैँधके भाजत आओ भर दुपहार  पिया पिया जिया कहए नाचए भितर मोररैन... विस्तृतमा

Nandlal Rana

भुलके फिर भुल ना सको

२०७८ असार २७, आईतवार १३:५९

भुलके फिर भुल ना सको

भुलके फिर भुल ना सको,आज सपनोमे तुमके देखो, आइगइ याद बे पुरानि बात,पहिलो चोटि जब तुमसे भेटो, कोसिस त करो रहओँ अपनो... विस्तृतमा

Nandlal Rana

कुछ बात सुनन हए तुम्हरी

२०७८ असार १४, सोमबार ०३:१०

कुछ बात सुनन हए तुम्हरी

कुछ बात सुनन हए तुम्हरी,कुछ बात सुनान हए तुम्के,आधो हओँ मए अधुरी मिर जिन्दगी,जा इकल्लो पलकि याद बतान हए... विस्तृतमा

Nandlal Rana

मोहब्बत जबसे भइ हए तुमसे

२०७८ असार १३, आईतवार २३:४४

मोहब्बत जबसे भइ हए तुमसे

मोहब्बत जबसे भइ हए तुमसे,मए कुछ बौलाइगओ हओं,बहे दुनिया, बहे जहाँ अलग लागत हए,मए जिन कहाँ हराइगओ हओं, चाहनवाले सबए त... विस्तृतमा

Nandlal Rana

गजल

२०७८ असार ४, शुक्रबार १२:४६

गजल

तोके भुलगओ बाके भुलगओ,सारा दुनिया भुलगओ मए,जबसे लगालओ एक पेग,कतइ अपने आपके भुलगओ मए, जिन का नसा हए तिरमे,एकघरिमे... विस्तृतमा

Nandlal Rana

गजल

२०७८ असार ३, बिहीबार १४:२६

गजल

अबओ तुमके सपनोकि दुनियाँकि सयर करामओ,अपनो दिलकि धड्कनमे खुब अच्छेसे सजामओ,अपनए के त कैसे सुथरे मानैगे र तुम,अबओ... विस्तृतमा

Nandlal Rana

‘सोरठकी साखी’

२०७८ बैशाख २५, शनिबार ०१:०५

‘सोरठकी साखी’

लक्ष्मि राना ( शिक्षक) धनगढी,२४ बैशाख । महल कुइ दैगओ झुकैँया रे ,हाँ रे धन मेरी सुनी सेज महल कुइ दैगओ झुकैँया... विस्तृतमा

Nandlal Rana

‘सबेरो’

२०७८ बैशाख २३, बिहीबार १९:३५

‘सबेरो’

धनगढी,२३ बैशाख । ‘सबेरो’ जगमगात अजियारो लै के आबौ ।सब रानाथारुके दिल्ल दिमाग मे छाबौ ।।शिक्षा कि ज्योत सबके... विस्तृतमा

Nandlal Rana

‘होरी’ कविता

२०७७ चैत्र १५, आईतवार २२:५५

‘होरी’ कविता

बासमती रानापुनर्वास न।पा।१, पुरैना कञ्चनपुर ।।१।।होरी आइ उमङ्ग भरि फागुनकि पुरनमासिमेसदभाव जगाइ भयाबहिनिया... विस्तृतमा

Nandlal Rana

“कुटनहारि” रानाथारू भाषामा कबिता

२०७७ फाल्गुन १८, मंगलवार १५:४४

“कुटनहारि” रानाथारू भाषामा कबिता

बासमति राना ( शिक्षक ) धनगढी,१८ फागुन । कुटना पिसना जो पाइ कुटनहारिहौँसक मारे अपनो सुपो समहारि ।।मुर्गा बाङग जब... विस्तृतमा

Nandlal Rana



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