रामलाल राना
धनगढी,५ फागुन
सुनौ सनौ ददा भैया, सुनौ दिदी बहिनियाँ ।
ध्यान धरके सुनौ सब, आजकालकी कहानियाँ ।।
आजकालके लौंडिया लौंडा, पढन ना बिनकी ध्यान ।
जहाँ बाजो डि.जे. बाजा, हुवाँ बिनकी ज्यान ।।
उमेर बिनकी १० ना पुगी, लगाइँ पाउडर लाली ।
भाजभुजके व्यहा करलैं, आनौंना दैंँ पाली ।।
बडीबडी गाडी किनक् लौंडा बने हिरो ।
बात मारएँ लम्बी लम्बी, पढनमे बे जिरो ।।
दिखानमे बो ढेंगो ढेंगो, हय बहुत लटो ।
पैंधे पडे नयाँ सट, बिच बिचमे फटो ।।
पैसा बाके एकु नाए, तिरन स्कूल फिस् ।
महेंगी मोबाइल किनके, कहाए हेल्लो मिस् ।।
सुर्ती, बिडीक बातय छोडौ, खेलैं जुवातास् ।
स्कूल पढाई छोड्के, करलैं सबकुछ नास ।।
बिस ना पुगो ब्यहा करलैं, काम करनमें सरम् ।
पाछु बो पछताए कहाए, मेरो फुटो करम् ।।
प्रेषकः
धनगढी उ.म.न.पा.११, घोडसुवा, कैलाली
राससः सबेराे पत्रिका