जा कैसो चलन

५ फाल्गुन २०७७, बुधबार
जा कैसो चलन

रामलाल राना

धनगढी,५ फागुन

सुनौ सनौ ददा भैया, सुनौ दिदी बहिनियाँ ।
ध्यान धरके सुनौ सब, आजकालकी कहानियाँ ।।

आजकालके लौंडिया लौंडा, पढन ना बिनकी ध्यान ।
जहाँ बाजो डि.जे. बाजा, हुवाँ बिनकी ज्यान ।।

उमेर बिनकी १० ना पुगी, लगाइँ पाउडर लाली ।
भाजभुजके व्यहा करलैं, आनौंना दैंँ पाली ।।

बडीबडी गाडी किनक् लौंडा बने हिरो ।
बात मारएँ लम्बी लम्बी, पढनमे बे जिरो ।।

दिखानमे बो ढेंगो ढेंगो, हय बहुत लटो ।
पैंधे पडे नयाँ सट, बिच बिचमे फटो ।।

पैसा बाके एकु नाए, तिरन स्कूल फिस् ।
महेंगी मोबाइल किनके, कहाए हेल्लो मिस् ।।

सुर्ती, बिडीक बातय छोडौ, खेलैं जुवातास् ।
स्कूल पढाई छोड्के, करलैं सबकुछ नास ।।

बिस ना पुगो ब्यहा करलैं, काम करनमें सरम् ।
पाछु बो पछताए कहाए, मेरो फुटो करम् ।।

प्रेषकः
धनगढी उ.म.न.पा.११, घोडसुवा, कैलाली

राससः सबेराे पत्रिका

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