धनगढी,३ अगहन ।
रानाथारू षाभाकि ‘फगुनी’ नामक उपन्यस भरखर विमाेचन भओ हए । बिमाेचन पच्छु रानाथरू डटकममे लेखक पदम राना से ‘फगुनी’ उपन्यासके बारेम बातचित भैरहए । बातचितके दाैरान लेखक पदम राना जी कहिहए कि मिर पहिलाे प्रयास हए उपन्यासमे कुछ कमिकम्जाेरी हए कहेसे कमेन्टके माध्यमसे सल्लहा सुझाब दियाे कहिके पाठक वर्गमे अनुराेध करिहएँ । एेसीकरके लेखक राना कहि जा फगुनी उपन्यास रानाथारू समुदायकाे कला,साहित्य, भाषा , संस्कृति जैसे पहिचानके बहुत महत्वपुर्णा चीजके संरक्षण और विकास करन काेसिस कराेगओ हए । फगुनी उपन्यासके माध्यमसे रानाथारू समुदायमे कुरीतिके रूपमे जडा गाडके बैठेभए अन्धकारके चिरन और उजागर करन काेसिस फिर हए । बाँकिविषयबस्तु उपन्यसके भितर हए । सबय पाठक वर्गमे अनुराेध हए जा उपन्यासके मनपडाके एक दाँव जरूर पढदियाे कहिके बिन्त करीहएँ ।