धनगढी,२८ क्वार ।
ललैबँगराक परिचय
धनगढी उपमहानगर पालिका वडा नं. १० जुगेडा गाँव स्थित ललैबँगरा महादेव बाबा मन्दिर हए । जा मन्दिरकाे स्थिापना कब भौ कैसे भाै पतालगान ताँहि आज हमर टिम हिना पहुचि हएँ । हिनाके स्थानिय ब्यक्तिनकि कहाइ अनुसार ललैबँगरा महादेव बहुत पुरानो मन्दिर हए । आसपास बन रहए बनके विचमे खालि ठाउ छुटो रहए र हिन पर लाल मटि रहए नदियाके ढिकमे बँगरा – खालि जग्गा छुटो रहए । गाइया भैसियाके चुगान ताँहि बहुत सुगम ठाउ रहए । तहिक मारे जा से ललैबँगरा कहिदइ ।
स्थानिय व्यक्ति चौधरी रानाकि के अनुसार बुढे बुढे कहत रहए बहुत पहिले जा ठाउमे गुलरको रुखा रहए बहे रुखा तरे ललैबँगरा को थापना रहए ।पहिले डाँकु ,डाँकु बहुत होत रहए । डाँकु गाँव लुटन आत रहए त बे जामे पुजा करके ताव इकल्लो गाँव लुटतन जात रहए । जके पुजे बिना अगर चोरी करन गए कहेसे बे अँधरा हुइजात रहए तहिक मारे डाँकु जाके पुजके तवखिर लुटन जात रहएँ ।
पुनर्वास बैठानपेति सरकार बन कटानी करबाइ बहे बेरा एक दाँओ ज ललैबँगरा लेन भारतसे आदमी घोडा लैके आएरहए । जब बे खोदके घोडक पिठमे धरी धरतय कि घोडक करेहाँओँ टुटगौ तओ से बे जक लैजाएनापाई । तओ आसपासके आदमि जक सत्यताके बारेम पता पाई औ मेला लगानकोसिस करि रहएँ । मेलाकी मिठाइमे , भुजामे किरा पडिगए तव कहि जा ऐसो कैसे हुइगौ ? किरा एक जनिक या फिर दुइजनिमे निकरन रहए जत पुरी मेला कि मिठाइमे किरा पडिगै हए ।तओ कहि साइत ललैबँगरा महादेव जाद्धि धुम या भिडभाड नसखारत हए तहिक मारे ऐसो भओ बहे दिनसे हिनपर मेला लगान छोडदै हए बताइ मन्दिर व्यवस्थापन समितिके अधिकारी कैदु राना ।
और बे कहि जा मन्दिर परिसर मे गोमन सर्प देखा पडत हए आदमिक उपरहुइके नेगके चलो जातहए पर अभय तक कोइके नोक्सान नकरिहए ।
ललैबँगरा मन्दिरको मानदान
शुरु शुरुमे पुनरवास गाँव बैठो तओ जे पहडिया जा मन्दिरके विश्वास नकरएँ । तव उनके बहुत नोक्सान भौ । तओ जाइके अब सब मानन लागेहएँ । कोइके दुःख कष्ट भौबेरा जा ललैबँगरा महदेवके मानदान करनसे सब ठिक हुइजात हए ।
एक दव कि घटना हए ईटा भट्टा बारोसे मन्दिर बनाताँहि ईटा सहयोग करदे कहि तओ ईटा भट्टा बरो मालिक कहि मय कोइके नमानत हौ । थुर दिन पच्छु ईट्टा भट्टा बारोके इतनो घाटालागो करजिदार बुक बहुत सतान लागे एक बर्ष पच्छु ईटभट्ठा छोडके भाज गओ । कोइ आदमी जा खेरोमे नयाँकाम करत हए कहेसे पहिले जक मानदान करके तओ शुरुवात करत हए । जौनक फाइदा मिलो हए बे आदमि घण्टा , त्रिशुल , ईट आदि चिजबस्तु प्रसादके रुपमे चढात हए कहिके बताइ हए स्थानिय व्यक्ति राजाराम राना ।
मन्दिर व्यवस्थापन
बर्षौसे थोरी थोरी करके जा मन्दिरके ताँहि चन्दा संकलन करके जा भव्य मन्दिरको निर्माण हूइरहो हए । अभय फिर पुरो निमार्ण कार्य नहुइपाइ हए । पहिले छोटिसि मन्दिर रहए फिर पच्छु बाहेरको भाग बनाएँ और मन्दिर बडि बनिगइ बताइ मन्दिर व्यवस्थापन समितिके अध्यक्ष बहादुर राना । मन्दिर निर्माणमे अभय तक १५ लाख रुपैया बराबरको काम हुइगौ हए बताइ ।
कैलाली क्षेत्र नं. ५ के माननिय नारदमुनि राना संसदविकास कोषको ३० लाख रकम सतसंग भवन निर्माण करन ताँहि विनियोजन करिरहएँ कहिके बताइ । अभय फिर रंगरोगन और तरेक फर्स बनान रहिगौ हए जा आउदो सालमे पुरो निर्माण कार्य सम्पन्न हुइजाबैगो बताइ हए ।
जुगेडा गाँवको नाँव
आसपास बनजंगलसे घिरो नदियाके किनारे खालि फाँटा बचो रहए । डाकुनको विगविगके कारणसे जा ठाउ बचो रहए । हिनपर बैठन कोइकि हिम्मत नरहए तव बहुत जुगाडसे पधना हिना पर असामि बठारपाइ हए । जुगाड करके बैठनसे जक नाम जुगेडा गाँव नाम धरि हएँ ।
ऐसी करके और स्थानिय व्यक्तिन कि कहाइ अनुसार जा बचो ठाउमे बहुत गाँवके असामि आइके बैठि हए । बचो ठाउसे जुगो भाओ ठाँव फिर कहत हए तहिक मारे जुगेडा नाम धरिगौ बताइ हए ।
पाठक वर्गमे अनुरोध हए कि रानाथारु डटकममे लिखिभइ लेख,रचना , समाचारमे कोइ फल्ट देखत हौ कहेसे सल्लह सुझाब देनके अनुरोध करत हए ।