कैलाली । सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा (पहिलो संशोधन) ऐन, २०८० मे थारु रानाथारु समुदायके प्रतिनिधित्वके सम्बन्धमे सुझाव समिति मुख्यमन्त्री कमल बहादुर शाहके प्रतिवेदने बुझाइहए ।सुदूरपश्चिम प्रदेश सभासे भादौ ४ गते सुदूरपश्चिम प्रदेश निजामती सेवा ऐन (पहिलो संशोधन), २०८० पास भइरहए । सरकारसे लानबालो बो विधेयकमे आरक्षण लगायतकी विषयमे थारु कल्याणकारी सभा, नेपाल रानाथारु समाज,थरुहट थारुवान् राष्ट्रिय मोर्चा, थारु नागरिक समाज, नगर भल्वन्सा समिति, नेपाल आदिवासी जनजाति महासङ्घ, राना थारु उत्थान मञ्चलगायत असहमति जनाइ रहएँ । तओ जाइके मुख्यमन्त्री शाह भदौ ५ गते प्रदेश नीति तथा योजना आयोगके उपाध्यक्ष गणेश विककी संयोजकत्वमे ११ सदस्यीय सुझाव समिति गठन करिरहएँ । समितिसे १३ बुँदे सुझाव सहित मुख्यमन्त्री शाहके प्रतिवेदन बुझाइरहएँ ।
‘प्रदेश निजामती सेवाके समावेशी बनान खुला प्रतियोगिता से पदपूर्ति होनबारे पदमैसे ४९ प्रतिशत पद अलग करिहए बो प्रतिशतके शतप्रतिशत मानके बोको ३३ प्रतिशत पदमे महिलनके बीच इकल्लो और बाँकी ६७ प्रतिशत पदमे खुला समावेशी समूहके उम्मेदवानके बीच प्रतिस्पर्धा करके पदपूर्ति करनसे अच्छो रहबैगो’ समितिक मुख्यमन्त्री शाहके बुझाइ प्रतिवेदनमे लिखोगौहए, ‘ महिलनके बिच इकल्लो प्रतिस्पर्धा करके पदपूर्ति करन ताँहि छुट्ट्याएगौ ३३ प्रतिशत पदके फिर शतप्रतिशत मानके देहाय समूहके महिला उम्मेदवार बीच देहाय बमोजिम अलग अलग प्रतिस्पर्धा करके पदपूर्ति करनको व्यवस्था बढिया रहबैगो ।’ समितिमे महिला समावेशीके फिर विभाजन करके आरक्षण कोटाके बारेम मुख्यमन्त्री शाहके सुझाव दइहएँ ।
‘महिला समावेशी पद बाहेकक बाँकी बचो ६७ प्रतिशत समावेशी पदके शतप्रतिशत मानके देहायके समूहक उम्मेदवान बीच देहाय बमोजिम अलग अलग प्रतिस्पर्धा करके पदपूर्ति करनको व्यवस्था अच्छो रहबैगो’ सुझाव समितिक प्रतिवेदनमे उल्लेख करोगौहए ।
श्रेणी नभए समूहके समेटन ताँहि समावेशीकरणमे समावेश करन सुझाव दइहए । आइसी करके एक दाँव सहायक स्तर और एक दाँव अधिकृत स्तरमे आरक्षण देनके सुझाव फिर प्रतिवेदनमे उल्लेख करिहएँ ।
पुरो प्रदेशके एक पदपूर्ति इकाई माननपडो, समावेशीकरणके ताँहि अलगकरो पदमे पहिलो दफेर पदपूर्ति नहुइपाइ तओ बो पद खुल्ला प्रतियोगितामे मिलादेनको व्यवस्था रहएर पर अब बहे समावेशी समूहघेनय रहनदेन और दुई दाँव पुनः विज्ञापन करन , एकय पदमे लगातार १० वर्ष तक काम कररहो व्यक्तिके स्वतः बढुवाक व्यवस्था करनपडो पर समावेशी समूहके हकमे ८ वर्ष धरने उपयुक्त रहबैगो सुझाव प्रतिवेदनमे उल्लेख करिहएँ । ‘अइसी करके बढुवा भए व्यक्ति अगर बोसे बडो पदमे बढुवा होन पेति आवश्यक शैक्षिक योग्यता भर पुरो होनपडो ’प्रतिवेदनमे उल्लेख करिहएँ ।
समावेशी समूहक उमेर हद ४० वर्ष होनपडो, समावेशी समूहक हकमे पहिचान प्रमाणित स्थानीय तहसे करन , प्रदेश सरकार हरेक ३ वर्षमे प्रदेश राजपत्रमे सूचना प्रकाशन करके उल्लेख भौ मानव विकास सूचकाङ्कमे पच्छुपडो क्षेत्र तोकनपडो कहिके सुझाव दएहएँ ।
समितिक प्रतिवेदन बुझानपेति समिति संयोजक गणेश विक सुझाव कार्यान्वयन होवैगो कहिके अपेक्षा लइहएँ । ‘सरकार आन्दोलनरत समूहक भावना बुझके समिति गठन करि और समिति अपन प्रतिवेदन तयर करके बुझाइहए । अब जा समितिक सुझाव सरकारसे कार्यान्वयन करन पडो ’ संयोजक विक कही, ‘सबय राजनीतिक दल, सरोकारवारे सवए समावेशी समुदाय, लोक सेवा आयोग, विज्ञ कर्मचारीनसे छलफल और बहस करके जा प्रतिवेदन तयार करेहएँ । ’
‘हम सुरुसे कहत रहएँ ऐन न्यायोचित नभव कहिके विरोध करतय आएरहएँ । जब सरकार माग सुनके समिति बनाइहए तव हम सुझाव दएहएँँ’ राना थारु समाजके अध्यक्ष समेत रहे सुझाव समितिक सदस्य कमलसिंह राना कहि, ‘हम सबय वर्ग समुदायकी अधिकार स्थापित होन करके वैज्ञानिक, तथ्यगत तथा जनसङ्ख्याके फिर आधार मानके सुझाव दएहएँ । अब सरकार जाके तुरन्त कार्यान्वयन करनपडैगो ।’
‘सुझाव प्रतिवेदन लेतय मुख्यमन्त्री शाह कहि जके कार्यान्वयनमे लान सरकार प्रतिबद्ध हए कहिके बताइहए । तुमसव बहुत मेहनत करके सुझाव दएहौ कहिहएँ जाके अब मय अग्गु बढामंगो’ मुख्यमन्त्री शाह कहि ‘समितिक सुझाव कार्यान्वयन होनमे विश्वस्त रहियो ।’
सुझाब समितिक सदस्य
१ गणेश बहादुर विश्वकर्मा संयोजक
२ श्री राम समझ राना सदस्य नेपाली काँग्रेस
३ श्री कृपाराम राना सदस्य नेकपा (एमाले)
४श्री धोखे राना सदस्य नेकपा(माओवादी केन्द्र)
५ श्री श्रीराम चौधरी सदस्य नागरिक उन्मुक्ति पार्टी
६ श्री लक्ष्मी चौधरी सदस्य नेकपा(एकीकृत समाजवादी)
७ श्री पिङ्गला थारु सदस्य राप्रपा
८ श्री कमल सिं राना सदस्य सरोकारवाला समुदाय
९ श्री बसन्ती चौधरी सदस्य सरोकारवाला समुदाय
१० श्री बिरबहादुर थारु सदस्य सरोकारवाला समुदाय
१ श्री बीरबहादुर धामी सदस्य(सचिव प्रदेश नीति तथा योजना आयोग