एमबि राना
लालझाडि,२१ भादाैँ ।
धरमकि नाउमे मानवता हरानो मिर देश 
 सँस्कृकि नाउमे सँस्कार हरानो मिर देश ।।
 पजरत आगि बुतान त कहाँ हए कहाँ ।
 झन पजरि आगिमे मट्टितेल डारन बालो मिर देश।।
 अपनाय मारि भई चोटको अङ्ग भङ्ग ।
 पर मन थोरि फिर न सोचन बारो मिर देश।।
 मिर देश कहत हए मय जा करङ्गो बा करङ्गो ।
 पर पच्छु जाए के जहे देश बहे भेश कहन बालो मिर देश।।
लालझाडि ६ चान्देव गाँव