धनगढी,२६ माह ।
कोभिड–१९ कोरोना को आगमन के संगए आज समग्र विश्व परिवेशको अवस्था नाजुक हाए । जहाँ नेपालको अवस्था फिर गम्भिर परिस्थितिसे गुजरन डटो हए । होनता जा कोरोना कहनिया शब्दको अर्थ आपन ढुडङ्गे कहेसे जा अपनएमे स्पष्ट हए । आपनको भाषामे “कोरो” कहेसे कोइफिर चिज सफा, शुद्ध या पवित्र हए करके बुझात हए । अइसिए “ना” को अर्थ नाए या नइया कहनो होत हए तबही मारे जा “कोरोना” अपनेमए अच्छो नइया, शुद्ध नइया, पवित्र नाहए करके बुझात हए जहेमारे आपन सबए के जा चिजसे बचन हए सजक और सचेत होनपडो जौनके तांही आपन स्वयमके सफा, शुद्ध और पवित्र होनपडो मिर कहानको मतलब जा हए कि आपनके कोरोनासे बचनके ताहिं सबए किसिमके नितिनियम पालना करनपडो ।
समय और शिक्षा एकदुसरेके परिपुरक हएँ । एकदुसरेसे अन्तरसम्बन्धित हएँ । शिक्षा अपनेमे एक महत्वपुर्ण अङ्ग जौनके नाहोनसे आदमी सपाङ्ग होनसे फिर अपाङ्ग मानोजात हए । और शिक्षा समय परिस्थिति बमोजिम परिवर्तन होत जात हए । जाको अर्थ शिक्षा परिवर्तनशिल हए । आजको शिक्षा कलके तांहि पुरानो हुइसकत हए । कल पढोभव शिक्षा आजको समय परिस्थिति अनुसार नकाम हुइगव । मेरो कहानको अर्थ जा हए कि आज कोरोना कहरके अवस्थासे आपन सब गुजरन डटे हएँ, जा अवस्थामे पढियाबालक स्कुलमे जाएके सबए संग कक्षाकोठामे बैठके पढन सकनिया अवस्था नाहए, एकदमै जोखिमपुर्ण हए जौनके बिकल्पमे प्रविधिमुलक शिक्षा अजाको आवश्यकता हए । प्रविधिको प्रयोगसे नेट, इन्टरनेट, अनलाइन पढाई कम्प्युटरके माध्यमसे अग्गु बढन डटो हए । पहिले गुरुकुल मे लैभव शिक्षा कलके ताहिँ प्राचिन लागत रहए । कलके आधुनिक कक्षा कोठा देनिया शिक्षा आज कोरोनाकालमे नकाम हुइरहो हए । जा कहेसे समग्र नेपालको शैक्षिक जगतको अवस्था हए । यदि आपन पनो समाजको अवस्था अध्ययन करत हए से अवस्था और गम्भिर हए चुनौतिपुर्ण हए । मए देखन डटो आदमीनके पास बडे–बडेभारी एन्डरोइड मोबाइल हए, नेट, इन्टरनेट हए, वाइफाइ, ट्याब, कम्प्युटर, ल्यापटप हए तर शैक्षिक प्रयोग जिरो हए प्रयोग हए त केवल फेसबुक, मेसेज फोनकलके ताहिंमात्र जाके कारणसे हामरो समाज और हमर विद्यार्थी भइया–बहिनियनको भविष्य अन्धाकार होनडटो हए । जहेमारे जा लेख मार्फत मेरे प्यारे सबए रानाथरुवा ददाभैयानसे अनुरोध हएकि कृपाकरके अपने–अपने बच्चाके गाइड करएँ । अनलाइन शिक्षाके माध्यमसे प्रविधिमे फिर पंहुच बनामए और बच्चनको भविष्य उज्वल बनामए ।
धन्यवाद