धनगढी,९ जेठ । विश्व कोभिड-१९ कोरोना नामक भाइरससे देशमे लकडाउनको स्थिति सृजना भओ हए । और जाके प्रभाबसे रानाथारुको तिउहार प्रभावित भएहएँ । भजनि चराइँ पर्व रानाथारुको एक बिशेष पुजाके रुपमे मानो जात हए । तराइमे बैठन बाले रानाथरुवा पहिलेसे बहुत बिमारीसे लड़त आए हएँ । काइलिसे बिसक्त भओ गावँमे जो कि दुसरे गावँके आदमि बिमारीके डरसे जानठिक न मानत रहएँ । काइलीसे बचन ताँहि भर्रा या गौँटेहरा भजनि चराइँ मनाए देत रहएँ, तहिकमारे जा पर्व सबए गावँमे नामनात हएँ ।
भजनी चराइँ पर्वमे सबेरेसे गावँके लोग बैयर, बच्चाबच्चि सबमिलके भाँडाबर्तन लइके गावँके बाहेर वन या बगियामे जाएके खानु पकात रहएँ । दिनभर सबजनि बैठके साँझके जब भर्रा पुजा करतो तओ अपन अपन घर आन पात रहएँ । बिचमे कोइ खण्डित हुइगओ कहेसे एक हप्ता दिन फिर बैठत रहएँ बताइ देभरियाके भलमन्सा जगन्नाथ राना । भजनी चराइँको पुजा जेठ महिनाको उजियारीको पहिलो सुम्मार या पहिलो विस्पतके रोज मनात हएँ, बताइ भलमन्सा राना ।
जा सालकि भजनि चराइँ जेठ महिनाके १२ गते सुम्मारके रोज पड़ो हए बताइ समाजसेवी मनेहरा गावँके भंगी (भगत) राना । रानाथारुको बिशेष पर्व भजनि चराँइको उपलक्ष्यमे सबए ददाभइया दिदीबहिनियनके हार्दिक शुभकामना दइहएँ और सामाजिक दुरी बनाएके भिड़भाड़ नाकरके त मनान सबएके अनुरोध फिर करिहएँ नेपाल रानाथारु समाजके केन्द्रिय अध्यक्ष कृपाराम राना ।