धनगढी, २५ अगहन २०७६।
गजल
मनकि बात टुम्हारठिन बताउँ कैसे ।
दिलमे तुम्हर फोटु सजाउँ कैसे ।
छोडौ मिर हाँत मत रोको मोके,
मुटुके घाउमे मलहम लगाउँ कैसे ।
बीचधारमे हौं मय छट्पटाके आझ,
बदनामीके दाग आब हटाउँ कैसे ।
बहुट दुर होन चाहत हौं मै टुमसे,
जा दुनियाँ छोडके चलोजाउँ कैसे ।
बधाई हए तुम्हार नयाँ जीवनकी,
बाँकी जीवन आब चलाउँ कैसे ।