धनगढी,२२ फगुन ।
मथुरासे होरी आइ रे,
का बुढे का ज्वान सबके मन भाइ रे,
घर घरमे खुसी छाइ रे अँगनामे होरी आइ रे,?
सत असत बिचकी मचि जोडकी लडाइ रे,
असत असुर भय नास सत विजय पाइ रे,
जितकी मोहर भाइबन्धु एक दुस्रेक माथेम लगाइ रे ,
क्रोध लोभ मोह सब नासि माया प्रेम और जीत लैके अँगनामे होरी आइ रे,
नैँ दुलनिया बनठनके चलि हय अपने मैँके रे ,
साथ सहेली मिल मिलके आज होरी खेलएँ रे,
नन्द भौजाइस भरि रुसैया हँस हँसके किलकारी गुँजय रे,
करत मजाक एक दुसरे से संग पुरी पपरा तिराएँ रे,
ऐया, काकी जाय रहिँ आज होरी पुजएँ रे,
आज खुसी हय हर मुखडामे अँगनामे होरी आइ रे,
गाउँ गाउँमे डंका बाजय आज होरीके दिन रे,
बाँह जोर साखी डारएँ आज होरीके दिन रे,
सब दुखडा भुल गय हएँ आज होरी के दिन रे ,
सब नरनारी झुम रहे हएँ आज होरीके दिन रे,
मथुरासे होरी आइ रे मेरे अँगनामे होरी आइ रे ,

लक्ष्मी राना कैलारी गा। पा। ९ गदरिया?