रानाथारू खबर,
कैलाली , ११ भादाैँ ।
पश्मिके रानाथारुमे बहिरिय संस्कृतीकाे भुत , जा बात बरुवा वाग सितारगांज , उधमसिंग नगर उत्तराखण्ड भारतके राजेश सिं राना कहिरहएँ । पश्मि भारतके लोग अपन संस्कृति सब भुल्के दुस्रेक संस्कृति अाँगालनलागे हएँ बताइ । पहिले व्याहा , सादि डोलीमे होत रहएँ अब कि सादि जिव ,कारमे होनलागि बताइहएँ ।इतय के रानाथारु कि बोलीभाषा संस्कृति चालचलन सबकुछ नयाँ सिरासे चलरहोहए । नेपाल औ भारतमे बैठनबाले रानाथारुवाके बिच बहुत फरक महसुस हुइरहो हए बताइ औ अब नेपाल औ भारतमे बैठनबाले रानाथारुनकि संस्कृतमे एकरुपता लानताँहि हुइरहोहए बताइहएँ । नेपालके २ जिला ( कैलाली अाै कञ्चनपुर ) भारतके २ प्रदेश ( उतरप्रदेश अाै उतराखण्ड ) के रानाथारूके बिच संस्कृतिक एकरूपता लान बहुत जरूरीहएँ कहिरहएँ राना जी बाँकि भिडियो में ….