धनगढी , ३२ जेठ । रानाथारु डट कमसे संचालित मिति २०७७/०२/३१ गतेको कचेहरी कार्यक्रममे मेरे विषयमे संबिधान सभा सदस्य प्यारे लाल रानाज्यूसे अभिव्यक्त भइ बातमे मेरो गम्भीर ध्यानाकर्षण भओ हए। मेरो विषयमे बोलनसे पहिले एक अखरा जाकि विषय बस्तुमे पुछ लेते ता बेढ़म अच्छो होतो। खएर ठिकए हए। अपने करे भए कार्यक्रमके विषयमे जानकारी करात पेती मोके जौन रुपमे पुर्बाग्रही तरिकासे जोडी हएँ मए आपत्ति जनान चाहत हओँ । अपने कार्यक्रमकि विशेषता बतानके ताहि कोइ दुससे कि कार्यक्रमकि बिना जानकारी टिप्पणी करन कितनो जायज हए? अपनो कमजोरी लुकान छिपान दुसरे कि त्रुटी दिखान कितनो सान्दर्भिक हए? आज जे प्रश्न फिर उठे हएँ। सर्बप्रथम भाषा इतिहास लेखनको काममे मेरो व्यक्तिगत कोइ टिप्पणी ना हए । दुसरो , जो बात संबिधान सभा सदस्य प्यारेलाल रानाज्यु मिर विषयमे उठाई हएँ, अपन बात तथ्यगत/बुँदागत हिसाबमे धरत हओँ ।
जा संग संगए एक और विषय जौंन मे तमान आदमी प्रश्न कर रहे हएँ, जाके फिर मए स्पस्ट करदेंन चाँहत हओँ। मिति २०७६ कात्तिक २५ और २६ गते भाषा आयोग मार्फत “The Asia Launch of Global Digital Library” शीर्षक को डिजिटल लाइब्रेरी निर्माण सम्बन्धित एसिया लेभलको कार्यक्रममे भाग लेन मौका मोके मिलो रहए, नेपाल रानाथारु समाजकि पुर्ब अध्यक्ष्य जिबन रानाज्यु फिर बामे सहभागी रहएँ । दुइ दिने कार्यक्रममे भारतकि प्रथम बुक्स मार्फत बिबिध भाषामे डिजिटल लाइब्रेरी निर्माणमे योगदान करन इक्छुक व्यक्तिके आबेदन करन अनुरोध करी रहए । जा सन्दर्भमे बुँदागत हिसाबमे कुछ तथ्य धरत हओँ
सायद जेही बात ना बुझके मेरे उपर बिबिध टिप्पणी भै हएँ , जे भ्रम अबसे ना हुइ हए आशा करत हओँ, ब्यक्ति से उपर संस्था होत हए, जामे मए अडिग हओ, समाजसे जुड़े काममे समाजसे मिल्के काम करनसे इकल्लो समाजके फाइदा हुइ सकत हए, जामे मए पूर्ण सचेत हओँ, संगए भाषा और लेखन क्षेत्रमे अभेसे इकल्लो नाए पहिलेले जुडो हओँ, मिर कामके नौलो नासमझ देन समाजके अग्रज आदरणीय व्यक्तित्वनसे मेरो अनुरोध हए । मिर मार्फत समाजके ताही भए काम अच्छो दिखान दुसरेको कामके तुलना करन मए आवश्यक ना समझत हओ, लकडाउन अवधिमे भए प्रतियोगिताके विषयमे उठे प्रश्नके आयोजक लोग अपनो धारणा धर डारी हएँ। बाँकी मए २०७२ सालसे रानाथारु कक्षा १,२,३ के पाठ्यपुस्तक निर्माणमे जिबन राना, छोटे लाल राना, त्रिलोकी राना, लोकेन्द्र राना, लक्ष्य बीर राना, राम किसन राना, सुग्रिब राना , मुन्सी राना, बासमती राना, जय बहादुर राना, लक्की चौधरी, कृष्णराज सर्बाहारी कि टिम सँग फिर सहभागी रहओँ, जाके विषयमे फिर समाजकि आवश्यकता अनुसार समिक्षा करन तयार हओँ ।
जा विषय बस्तुमे और कोइ प्रतिक्रिया सल्लाह देन चाँहत हए कहेसे मोके प्रत्यक्ष्य फोन कर सकत हएँ। और तथ्यगत तरिकासे विश्लेषण करके टिप्पणी करन समाजके अगुवा सबएके अनुरोध करत हओँ । अन्तमे, नेपाल रानाथारु थारु समाजको निर्णय एवं सार्बजनिक विज्ञप्ति अनुसार निहित व्यक्तिगत, समुहगत, क्षेत्रगत , दलगत स्वार्थबिहिन तरिकासे समाजमे मेरो आवस्यकता अनुसार योगदान देन हमेसा तयार हओँ। धन्यवाद !! राम! राम !
(कमल सिं राना) (मो.न.९८४१०४५३६०)