धनगढी , १ चैत २०७६ ।
होरी धरबाले दिन ऐसे गात हएँ गित ?
अरे मथुरा से होरी आई , मथुरा से होरी आई ।
खेलै गोपी ग्वाल बाल मथुरा से होरी आई ।।
अरे कौन नाचै कौन गवबए रे, कौन नाचए कौन गाबए ।
कौन बजाबए ढोल लल मथुरा से होरी आई ।।
अरे राधी नचए गोपी गामएँ , राधी नाचए गोपी गामएँ ।
श्रीकृष्ण बजाबए ढोल लल मथुरा से होरी आई ।।
होरी डुंगन पेती गानबालरी गीत
ढोला दमो बजाई राजा , ढोला दमो बजाई ।
लिख चिठिया पुरबैगो भेजी , पुर्व के राजा आए ।
राजा ढोला दमो बजाई ढोला दमो बजाई ।।
लिख चिठिया पश्मिको भेजी , पश्मिके राजा आई ।
राजा ढोला दमो बजाई ढोला दमो बजाई ।।
चारौ ओरके राजा जुरे , होरी मे आग लगाई ।
राजा ढोल दमो बजाई , ढोला दमो बजाई ।।
होरीमे आगी बुझान बारी गित
ल ल रे ल ल दुब लगाी , दुब सारिया ल ल २
होरी बुझकावन जायन रे होरी चलि , घर आपने और हमरो सिवा जनेहार ,
न रे अरेहरे सिताराम से ।
ललरे कौनके हाथ गंगा जल पानी ,
कौन बुझाबन जायन रे होरी चली घर अपने हरे हरे ।।
लल रे भलमन्सैया के हाथ गँगा जल पानी ,
गाँगा जलपानी होरी बुझावन जायन रे होरी चली अपने घर ……
लल रे चकनियाँ हाथ गंगा जल पानी ,
होरी बुझानक जाबए रे होरी चाली अपने घर
टीका लगान समयमे गानबाली गीत
लल कोन कि मैयाँ पुरी पकाबए २
कौन छिरवन जाइ व रे पुन बन ।
लल रे लल उठउन पैयाँ गेहु पिसन के २
हम रन जुझन बुझन जामै रे पुरन वन चाले दै लडनेको ,
लल रे लल कैसो त गुहवा पिसामै पुरन २ ,
गेहु या नाउ घरी देओ रे पुरन वन चलि दै लाडने ।
लल रे लल लालै गेहु पिसाओ री मैयाँ २
फलकन गिरै पिसान रे पुरन वन ।
लल रे लल आल्ह कि मैया पुरी पकावव्ै २
बहिनी छिरवन जायन रे ।
टिका लगाएके जान बेरिक मतबरिया गीत
मतबरिया मेरो ललान , मतबरिया मेरे लालान ।
मतबरिय उतरे बागन मे मेरे लालान ,
ओ हो मालिन छिचन जाय छैल मत बरिया मेरो लालान ।
कय के घर मागै रसिया मेरे लालान ,
ओ हो ओ कय भर मालिन देय छैल मतबरिया मेरे लालान ।
इक भर भागै रसिया मेरे लालन ,
ओ हो अरे दुई घर मालिन देय छैल मतबरिया मेरे लालान ।
पधना घर पुगत खिनाकी गीत
मरबारे भयो मेरे लाल , मै मतबारे
कौन त बोबए गेहु चना कौन बोबए भांग मै मतबारो ।
लोग त बोमएँ गेहु , चना , मेरो भंगी बोबए भांग मएँ मतबारो ।
दिनमे होरी शुरु होत समयमे गानबारी गीत
अरे मथुरा से होरी मंडिल बिच गेंदको ख्याल रचाई ।
अरे मारी कन्हैया टोल गेंद गिरो जमुनामे
अरे श्री सुदामा कहत रिसाए त कान्हा गेंद लियो
ओ मथुरा माईल विच गेंदको ख्याल रचाई ।
ओ कुद परे हएँ कन्हाइ त हाकाकार मचो हए ।
अरे मथुरा ….
झगिया पैँधके गानबारी गित
अरे हरे उपह दफु बाजए मेरो पिया खेलए ,
धमार उमड घुम ।
अरे हरे अरे कि डफु बाजए सजन घर कि बाजए फुलबाजा कि फुलबाजए ।
अरे हरे अरे न डफु बाजए सजन घरना बाजए फुलबाग कि डफु बाजए ।
अरे हरे अरे डफुत बाजए रसिया घर दुआ छैला दुई चार डाफु त बाजै रसिया घर ।
अरे कौन काठ डफु किलिया कौन काठ गढ कल कौन काठ डफु किलिया ।
अरे हरे कनहर कठ डफु कनहर कठ डफु किलिया खैर काठ
गठ केल कनहर काठ डफु किलिया