धनगढी , १९ भादाैँ २०७६।
(ट्रीन ट्रीन ….)उँह , दिक्कानो हए अभए तक फोनए ना उठात हए मगरु। होन त मेरु गल्ती हए थोरिसी बात मे मारन पिटन । ठिकए हए दिक्कान । ट्रीन ट्रीन ….. )
मगरु: हलो …( कम्जोर अबाजमे)
इतबारी: मगरु दिक्कानो हए का ? बहुत धिरेसे मसक रहो हए ? यार मोके माफ करिए । मए का करौ मिर दिक्क जिन्कैसी हए अपातए नैया।
मगरु: कहांले दिक्कानो रहमंगो रे। मए तोए हानी थोरुन हौं।
इतबारी : तौ फोन बेढम देरम उठाओ ?
मगरु: समरत रहौंरे स्कुल जान । तए जबैगो कि नाए ?
इतबारी: मए यार कैसे बतामौ … ऐसे कर …
मगरु: तए का जएहए रे । तोकेत अच्छे काम सुहातए नैयां। तोएत बहे मारन थुरन मिलजाए।
इतबारी : का काम हए आज स्कुल मे तौ ?
मगरु: आज बहुत जरुरी बैठक हए । आज परिक्षा के बारेमे छलफल हए। कौन बच्चा कमजोर हए बाके बारे मे बातचित हए और तिर लौंडा फिर त हए रे । तोकेत जानए हए। अप्ना के सबुर नैया मास्टरके दोस खुब लगात। जा बए त चल नत मए चलो।
इतबारी: ले ले असिआए लिए मए पुगिआओ तुरन्तए।
क्रमशः……….